भारत कई महीनों से कोरोना वायरस से गुजर रहा है। रोजाना कई मामले सामने आ रहे हैं। इस समय लोगों को बहुत सी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। चाहे वह अस्पतालों में बेड ऑक्सीजन और अन्य चीजों से संबंधित हो। अस्पतालों की किल्लत से जनजीवन जूझ रहा है। इस संकट के दौरान ही हिमांशु नागिया मसीहा के रूप में सामने आए। और अपनी जिंदादिली का उदाहरण समाज के सामने प्रस्तुत किया।
हिमांशु नागिया आईटी प्रोफेशनल है। कोरोना काल में लोगों की मदद के लिए बीड़ा उठाया। कोरोना की दूसरी लहर में दिल्ली के रहने वाली हिमांशु नागिया अपनी कार को एंबुलेंस में बदल दिया और लोगों की मदद के लिए सामने आए। उन्होंने बताया कि एंबुलेंस में मेडिसिन और ऑक्सीजन के डिब्बे जैसे सभी आवश्यक उपकरण भी लगाए गए हैं। मुझे इस सेवा को शुरू किए करीब 1 महीना हो गया है। मैं कई तरह की मदद और सपोर्ट देकर लोगों की मदद करने की कोशिश कर रहा हूं। मैंने अपनी कार को एंबुलेंस में बदल दिया है। मैंने लगभग 23 कोरोना पॉजिटिव मरीजों को विभिन्न अस्पतालों में मुफ्त में पहुंचाया है।
इस सफर की शुरुआत अप्रैल महीने में शुरू किया। अपने पड़ोसी की मदद के दौरान उन्होंने ऑक्सीजन की किल्लत का सामना किया। आपबीती घटना का वर्णन करते हुए बताते हैं कि जब वे अपने पड़ोसी की मदद के लिए उन्होंने मुसीबत का सामना किया जैसे तैसे करके राजौरी गार्डन से एक गुरुद्वारा में उन्हें ऑक्सीजन की व्यवस्था की। यह सब देखते हुए उनके मन में विचार आया कि ऐसे बहुत से लोग हैं जो हर दिन ऑक्सीजन अस्पताल से संबंधित बहुत सी मुसीबतों का सामना करते हैं। पर्याप्त धन और संसाधन ना होने की वजह से वे किसी अपने को खो देते हैं।
उन्होंने आगे कहा कि मैं पुलिसकर्मी और परिवारों को साफ पीने का पानी और खाना भी मुफ्त में दे रहा हूं। कई परिवारो को महंगी दवाई भी दी है।मैंने लगभग एक महीना अपनी कार में बिताया है।अपने परिवार और बच्चों से दूर रहकर उन लोगों की सेवा की। ताकि जो मुद्दतों का सामना कर रहे है उनमें थोड़ी बेहतरी आए।
Article by: Sushmita Varun Shukla