इन मोहतरमा का नाम हैं “पार्क जियोंग” और रहने वाली है भारत के घनिष्ठ मित्र देश “दक्षिण कोरिया” की। पेशे से वीडियो एडिटिंग का काम करतीं हैं और रीसाइकल आर्टिस्ट भीं हैं। पहली दफा 2018 में भारत आईं ये उड़ीसा स्थित एक आर्ट एग्जीबिशन में हिस्सा लेने और वहां भी भारत के विविध और रंग–बिरंगी संस्कृति से इतनी प्रभावित हुईं कि उन्होनें भारत के एक एक हिस्से को गहराई से समझना अपना मकसद बना लिया। इसमें मुख्य योगदान दिया उनके पति बी. अजय शर्मा ने , जिनसे वे अपनी भारत यात्रा के दौरान ही मिली थीं। जियोंग यहां अपना यूट्यूब चैनल “Namaste , Indo Life”  के माध्यम से कोरिया के लोगों के बीच भारत को प्रचलित कर रहीं है। 

आर्ट और ध्यान से है खास लगाव

जियोंग से बातचीत के दौरान उन्होंने बताया कि भारत में आना कला के कारण हुआ और इस धरती से लगाव ध्यान और। अध्यात्म के कारण हुआ। जियोंग कहती हैं ,”भारत में सौहार्द है , प्यार है और लोग एक दूसरे के सुख दुख में सहभागी बनते हैं इन पलों ने मुझे भारत से बांध दिया , वापिस कोरिया जाकर भी मेरा मन भारत में खोया रहता था।“ भारत के अध्यात्म की तुलना जियोंग , अनंत से करती है और इसे अपनी आंतरिक खुशी का कारण भी मानती है।

भारत के प्रति कोरियाई लोगों की भ्रांतियां तोड़ने के कोशिश कर रही हूं

जियोंग ने 2020 में अपना यूट्यूब चैनल “Namaste , Indo Life” शुरू किया जिसके माध्यम से वह कोरियाई नागरिकों की भारत के प्रति जो मिथ्य हैं उन्हें तोड़ने की कोशिश कर रहीं हैं। जियोंग कहती हैं,”ज्यादातर कोरिया के लोग भारत को 60 के दशक का दक्षिण कोरिया समझते है और इसे अभी भी खेतीबाड़ी पर निर्भर देश समझते है लेकिन भारत अब बहुत आगे बढ़ चुका है और मैं अपने यूट्यूब चैनल के जरिए कोरिया के लोगों को भारत की संस्कृति , यहां के बाजारों और लोगों से अवगत करवाती हूं।

हिंदी बोलना सीख रही हूं

जियोंग धीरे धीरे हिंदी सीख रहीं है और अपने यूट्यूब चैनल पर भी वे “नमस्ते भैया दीदी” के साथ संबोधन करतीं हैं। अपने पति के कोरियन भाषा से उन्हें भी हिंदी भाषा सीखने की प्रेरणा मिली। जियोंग कहती हैं ,”अगर मेरे पति भारतीय होकर कोरियन भाषा सीख सकते है तो मैं भारत की बहू बन के हिंदी नही सीख सकती , यही सोच कर मैं हर रोज हिंदी की क्लासेज अपने पति अजय से ही लेती हूं।

रीसाइकल आर्टिस्ट भी हैं जियोंग पार्क

युट्यूबर होने के साथ साथ जियोंग टूटी वस्तुओं को सिलाई के माध्यम से जोड़ कर उसे रीसाइकल आर्ट का रूप भी देती हैं। सुन कर थोड़ी हैरानी हुई न कि ये कैसे ? पर जियोंग का ये अनोखा आर्ट सोशल मीडिया पर काफी सराहा भी जा रहा है। इसके बारे में जियोंग कहती हैं ,” टूटी हुई वस्तुएं आपके विश्वास की तरह है जो एक बार टूट जाता है तो लाख यत्न के बावजूद भी उसमें मधुरता नही आती , लेकिन एक नई शुरूआत के जरिए इसमें भी रंग भरे जा सकते है इसीलिए मैं भी सुई धागे की मदद से इसे आर्ट भी बनाती हूं और इन्हे नए सिरे से उपयोग करने योग्य भी”।

भारत दर्शन ही मेरा लक्ष्य और भविष्य है

जियोंग कहती हैं ,”भारत की नौजवान पीढ़ी को बहुत ऊर्जावान और समझदार है लेकिन अगर लगातार कोशिश और विनम्रता को अपने पल्ले बांध ले तो कामयाब होने से उन्हें कोई रोक नहीं सकता ।अपने आगे के करियर में मैं यहीं बातों को समक्ष रख कर आगे भारत दर्शन को ही लक्ष्य मान चुकी हूं और इसकी गहराई में डूब जाना चाहती हूं।“

यूट्यूब लिंक – https://youtube.com/channel/UCq3ZfTy4MeBXoyYsEcoerXw

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