क्या खूब कहा है किसी ने –
खामोशी से भीनेक काम होते हैं
मैंने सुना है पेड़ों को छांव देते हुए “
आप में अगर हौसला है, जुनून है तो आप खुद से बाहर निकल सकते हैं और बन सकते हैं मददगार निरीह जीवो के, उन असहाय लोगों के जिनका कोई नहीं होता| अगर होती है तो सिर्फ मानवता जो सच्चे मानव मन में ही जागृत होती है| अपना वही मानवतावादी उद्देश्य लेकर जयपुर की श्रीमती लाज जैन जो निरंतर और अथक प्रयास कर रही हैं | वाकई काबिले तारीफ है वे, जयपुर में बेजुबान निरीह जीवों की मसीहा बनकर उभरी है| न जाने उन्होंने अपने हाथों से कितने जीवो पक्षियों और तो और जरूरतमंद लोगों की हर प्रकार से मदद कीl वे अपने क्षेत्र में स्ट्रीट डॉग्स पर विशेष तौर पर कार्य कर रही है जिसमें उनके रेस्क्यू, अडॉप्टेशन, वैक्सीनेशन, बर्थ कंट्रोल जैसे कार्यों को अंजाम तक पहुंचा रही हैं|
कहते हैं हर कहानी के पीछे प्रेरणा होती है .. हरियाणा के गुड़गांव में 1971 को जन्मी श्रीमती लाज जैन जी ग्रामीण परिवेश में पली-बढ़ी जिसमें प्रकृति व जीवो से शुरू से ही लगाव रहा | जयपुर में शादी के बाद कुछ समय के लिए बदलते माहौल में पशु प्रेम की इजाजत नहीं थी| 2008 की बात है, एक दिन उनकी बेटी संघमित्रा जैन डॉलमिटियन ब्रीड का पिल्ला घर में ले आई | फिर क्या था समय बीतते बीतते वो पूरे परिवार का चहेता बन गया| पूरा परिवार खुश था | वो परिवार का सदस्य बन गया| लगभग 5 माह तक देखभाल करने के बाद अचानक उसकी एल्डिन (कीटनाशक) पीने से 2009 में मृत्यु हो गई| इस दिन ने पूरे परिवार को हिला कर रख दिया| इस सत्य को स्वीकार करना उनके लिए मुश्किल हो रहा था |परिवार को संभालने के लिए अगले दिन एक और डॉलमिटियन लाया गया, फिर सिलसिला चल पड़ा| उन्होंने 14 से अधिक देशी कुत्तों को घर में शरण दी और अपना छोटा सा घर उन्हें समर्पित कर दिया|
2009 से लेकर 2019 तक उन्होंने एक हजार से ज्यादा कुत्तों, नील गायों,बछड़ों ,गायों व पक्षियों जैसे कई जीवो को रेस्क्यू किया है | घायलों को दुर्गापुरा पशु चिकित्सालय में भर्ती करवाती हैं, देखरेख करती हैं और उनके अडॉप्टेशन के प्रयास करती है| पिछले 10 वर्षों में उन्होंने 400 से अधिक जीवो के बर्थ कन्ट्रोल ऑपरेशन्स करवाए हैं|
पशुओं पर निर्दयता के खिलाफ वो हमेशा डट कर खड़ी होती है| उन्होने कई पुलिस स्टेशन में उन लोगों के खिलाफ कंप्लेंट करवाई है जो पशुओं क साथ क्रूर व्यवहार करते है| देर रात होने वाली पशु तस्करी व अमानवीयतापूर्ण कार्यों को रोकने के लिए कई बार वे देर रात जाकर कार्य को अंजाम तक पहुंचाने में भी परहेज नहीं करती|
“राह भी खुल जाएगी कदम बड़ा कोशिश तो कर “
उनकी यही मुहिम अब रंग लाने लगी है| उन्होंने अर्थ फाउंडेशन नाम से ग्रुप बनाया जिसमें कई सदस्य आकर उनका हाथ बटां रहे हैं – जिनमें कुछ वकील, शिक्षक, डॉक्टर, बिजनेसमैन व छात्र जैसे और भी कई लोग शामिल हैं | वे कुत्तों की देशी नस्ल को बचाने, संरक्षण व अडॉप्टेशन हेतु विशेष रूप से कार्य कर रही हैं| लाज जैन जी ने समाजसेवा के कार्यों को दायरा न बना कर हर क्षेत्र में अपना योगदान दिया जैसे वृद्धाश्रम में वृद्धजनों को पहुँचाना, बालश्रमिकों की आजादी, घरेलू हिंसा आदि
समाज की प्रेरणास्त्रोत श्रीमती लाज जैन जी कई बार पुरस्कृत भी की जा चुकी हैं | उनके मुख्य पुरस्कार हैं –
Hero’s Paw Award 2021
IFA Award 2019
पता :
84/290, chetak marg ,
partap nagar 302033
Sanganer (JAIPUR )
Article By: Kavita Sharma